नवरात्रि 2025 सप्तमी अष्टमी नवमी तिथि: 29 या 30 सितंबर | सही तारीखें और महत्व

जानें नवरात्रि 2025 में सप्तमी, अष्टमी और नवमी कब मनाई जाएगी—29 या 30 सितंबर? इस पोस्ट में पाएं सही तारीख, कन्फ्यूजन का समाधान और नौ दिन के विशेष महत्व की पूरी जानकारी।

नवरात्रि: नौ शुभ दिवसों का आध्यात्मिक पर्व

नवरात्रि हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जिसमें नौ रातों और दस दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह त्योहार आत्मशुद्धि, साहस, प्रेम, शक्ति और सकारात्मकता का उत्सव है। नवरात्रि केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मबल और आध्यात्मिक जागृति का पर्व भी है

पहला दिन: मां शैलपुत्री

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, जिनका स्वरूप पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में मान्य है। ये ऊर्जा, साहस और शक्ति का प्रतीक हैं। शैलपुत्री की उपासना से जीवन में संघर्ष का सामना करने की प्रेरणा मिलती है

दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, जिनका स्वरूप पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में मान्य है। ये ऊर्जा, साहस और शक्ति का प्रतीक हैं। शैलपुत्री की उपासना से जीवन में संघर्ष का सामना करने की प्रेरणा मिलती है

तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा

तीसरा दिन मां चंद्रघंटा का है, जिनके मस्तक पर अर्धचंद्र और दस भुजाएं हैं। वे भय से मुक्ति और योद्धा भावना का संदेश देती हैं। जीवन में साहस और आत्मरक्षा की आवश्यकता इनके स्वरूप से जुड़ी है

चौथा दिन: मां कूष्मांडा

चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है, जो सृजन, ऊर्जा और ब्रह्मांड की रचनाकार हैं। इन्हें ब्रह्मांड की माता भी कहा जाता है। सृजन क्षमता और नवीनता का प्रतीक यह दिन प्रेरित करता है कि हम अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाएं

पांचवां दिन: मां स्कंदमाता

पांचवें दिन मां स्कंदमाता, जिनके गोद में बाल रूप स्कंद हैं, की आराधना होती है। मातृत्व, प्रेम और करुणा का संदेश देती हैं। मां की ममता, सेवा और संरक्षण जीवन में सबसे बड़ी शक्ति है

छठा दिन: मां कात्यायनी

छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा होती है, जो न्याय, साहस और शक्ति की देवी मानी जाती हैं। मां बताती हैं कि हमेशा अन्याय के खिलाफ डटे रहना और न्याय की राह पर चलना आवश्यक है ���.

सातवां दिन: मां कालरात्रि

सातवां दिन मां कालरात्रि का है। यह रूप अज्ञान, डर और बुराई का नाश करने वाली हैं। मां कालरात्रि के दर्शन से साधक निरभय होकर जीवन जीने की प्रेरणा लेता है और अंधकार में भी आशा का दीप जलाता है

आठवां दिन: मां महागौरी

आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है, जो शुद्धता, करुणा और सौंदर्य की प्रतीक हैं। इनकी कृपा से जीवन में शांति, पवित्रता और सौम्यता आती है। आत्मशुद्धि, संयम और जीवन में विनम्रता का संदेश यही है ���.

नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री

नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना होती है, जो सिद्धियों की दात्री हैं। कमल पर विराजमान, चार भुजाओं वाली दिव्या मां समर्पण और पूर्णता का संदेश देती हैं। साधक को बताती हैं कि प्रयास, भक्ति और समर्पण से सफलता अवश्य मिलती है �

नवरात्रि का संदेश

नवरात्रि आत्मबल, प्रेम, साहस,दया, न्याय, सेवा और शांति का त्योहार है। हर देवी जीवन के किसी महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डालती हैं। भक्त नौ दिनों तक अपने भीतर की शक्ति को जागृत करने का प्रयास करते हैं। यह त्योहार इंसान को धर्म, आत्म-संयम और सकारात्मकता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है ���.नवरात्रि के दिनों में सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण की साधना से मन, आत्मा और शरीर का संतुलन प्राप्त होता है। साधक को अपनी चेतना का स्मरण कराएं कि जीवन की सच्ची सफलता आत्मानुभूति से मिलती है

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