किसानों को इसके जरिए सालाना 6,000 रुपये की सहायता सीधे बैंक खाते में तीन किस्तों (हर चार महीने पर 2,000 रुपये) में दी जाती है।
21वीं किस्त की ताज़ा स्थिति
सितंबर 2025 में योजना की 21वीं किस्त समय से पहले जारी की गई। इस बार बाढ़ और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित राज्यों—पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड—के 27 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में लगभग 540 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। यह राशि DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से आई ताकि आपदा से पीड़ित किसान जल्द राहत पा सकें। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रत्येक पात्र किसान को 2,000-2,000 रुपये की सहायता दी जा रही है।
योजना की पात्रता और जरूरी प्रक्रियाएँ
किसान के पास दो हेक्टेयर या उससे कम कृषि भूमि होनी चाहिए।
पात्र किसानों को अपना आधार, बैंक खाता और अन्य विवरण सही व अद्यतन रखना जरूरी है।
E-KYC करवाना अनिवार्य है।
लाभार्थी सूची में नाम होना जरूरी है।
अगर ये प्रक्रिया अधूरी रह गई, तो किसानों के खाते में किस्त आना टल सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे पोर्टल पर जाकर अपना स्टेटस जरूर चेक कर लें।
किस्त कब तक सभी तक पहुंचेगी?
फिलहाल जिन राज्यों में विशेष परिस्थिति के कारण किस्त जारी की गई है, उनके बाद बाकी राज्यों के किसानों के खाते में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह अथवा दीपावली (अक्टूबर के तीसरे हफ्ते) तक पैसे आने की पूरी संभावना है। सरकार ने प्रक्रिया को पारदर्शी तथा तेज बनाया है ताकि हर पात्र किसान तक सहायता समय पर पहुंच सके।
योजना का महत्व और किसानों को फायदा
बीज, खाद, दवाइयां एवं कृषि उपकरण खरीदने में सुविधा।
आपदा या संकट के समय तत्काल राहत
किसान परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सीधे आर्थिक प्रवाह से समग्र विकास में मदद।
स्टेटस चेक करने की प्रक्रिया
पीएम किसान पोर्टल (http://pmkisan.gov.in) पर जाएं।
“Know Your Status” विकल्प पर क्लिक करें।
रजिस्ट्रेशन नंबर/मोबाइल नंबर दर्ज करें, OTP भरें।
आपकी लाभार्थी स्थिति स्क्रीन पर दिखाई देगी।
हेल्पलाइन व शिकायत समाधान
अगर किसी किसान को किस्त या योजना से संबंधित समस्या है, तो वह कृषि कार्यालय, ब्लॉक केंद्र या टोल फ्री नंबर (155261, 1800115526) पर काल कर सकता है। साथ ही पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है।
किसानों के अनुभव और सामाजिक बदलाव
यह स्कीम बहुसंख्यक छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। इससे बुवाई-खरीद, बच्चों की पढ़ाई, इलाज जैसे कई खर्च पूरे हो पाते हैं। कृषि कार्यों में टेक्नोलॉजी की भागीदारी बढ़ रही है। योजना से किसान समाज की आर्थिक सुरक्षा, आत्मबल और तकनीकी जागरूकता में वृद्धि हुई है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त समय से पहले जारी कर सरकार ने आपदा पीड़ित किसानों की मदद का उदाहरण पेश किया है। बाकी किसानों को भी दीपावली से पूर्व यह सहायता मिलने की उम्मीद है। किसान समय पर ई-केवाईसी और रिकॉर्ड अपडेट जरूर करें ताकि योजना का लाभ बिना रुकावट मिले। यह स्कीम कृषि समुदाय के सशक्तिकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है, जो आने वाले समय में ग्रामीण भारत के सर्वांगीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी.
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